एनएम और जीएनएम के सहारे चल रहा अस्पताल, मरीजों को हो रही भारी दिक्कतें
पदमा: आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (पीएससी) चंपाडीह पिछले चार महीनों से डॉक्टरों की गंभीर कमी से जूझ रहा है। इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PSC) में जहां 2 विशेषज्ञ डॉक्टर, 2 फार्मासिस्ट, 8 एनएम और जीएनएम, 4 वार्ड अटेंडेंट, 2 स्वाइपर, 1 हेल्थ मैनेजर और 2 ड्रेसर की तैनाती होनी चाहिए, वहीं वर्तमान में केवल 1 एएनएम, 1 जीएनएम, 1 लैब टेक्नीशियन, 1 स्वाइपर और 1 वार्ड अटेंडेंट के सहारे पूरा अस्पताल चल रहा है।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण स्थानीय लोगों को पर्याप्त और उचित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। गंभीर बीमारियों या आपातकालीन स्थिति में मरीजों को जिला अस्पताल का रुख करना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण शासन की कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी ग्रामीणों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है। स्थिति इतनी गंभीर है कि साधारण बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ता है।
स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द इस हेल्थ सेंटर में डॉक्टरों और आवश्यक मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाए ताकि आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
यह स्वास्थ्य केंद्र पीएससी श्रेणी में आता है, जहां 24 घंटे डॉक्टर की उपलब्धता अनिवार्य है, फिर भी यहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां आने वाले मरीजों को किस हद तक समस्याओं का सामना करना पड़ता होगा।
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जल्द से जल्द इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को सुलभ और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।