सरैया की मिनी पाठक और सरैयाडीह के सतीश कुमार ने रचा नया इतिहास
JPSC परीक्षा में सफलता से पदमा प्रखंड का नाम किया रोशन, गांव में जश्न का माहौल
झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की प्रतिष्ठित परीक्षा में पदमा प्रखंड के दो होनहार युवा — सरैया पाठक टोला निवासी मिनी पाठक और सरैयाडीह गांव के सतीश कुमार ने सफलता प्राप्त कर न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे प्रखंड का मान बढ़ा दिया है। ग्रामीण परिवेश से निकलकर इन दोनों ने जो कीर्तिमान स्थापित किया है, उसने क्षेत्र में नई प्रेरणा का संचार किया है।
मिनी पाठक, स्वर्गीय अच्युतानंद पाठक (सेवानिवृत्त शिक्षक) की सुपुत्री हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम उपलब्धियां हासिल की हैं:
🔹 वी.बी.यू. (VBU) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई में विश्वविद्यालय टॉपर रहीं।
🔹 बी.पी.एस.सी. (BPSC) के माध्यम से सरकारी शिक्षिका नियुक्त हुईं।
🔹 इसके बाद जेपीएससी (JPSC) के तहत झारखंड सरकार में PGT शिक्षिका बनीं।
🔹 और अब उन्होंने जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर एक नया इतिहास रच दिया है।
वर्तमान में वे चौपारण प्रखंड के तोयां स्थित +2 उच्च विद्यालय में बतौर PGT शिक्षिका कार्यरत हैं । अनुशासनप्रिय और उत्कृष्ट शिक्षिका के रूप में पहचानी जाने वाली मिनी पाठक ने यह सिद्ध कर दिया कि बुलंद हौसले और कठिन परिश्रम के दम पर कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
उनकी मां ने भावुक होकर कहा, “मेरे पति हमेशा कहा करते थे कि शिक्षा ही सबसे बड़ी पूंजी है। आज मेरी बेटी ने उनके सपनों को साकार कर दिखाया।”
गांव में इस सफलता को "पदमा प्रखंड के लिए ऐतिहासिक दिन" माना जा रहा है। मिठाइयों का वितरण हुआ और चारों ओर खुशी का माहौल है।
सतीश कुमार की सफलता भी उतनी ही प्रेरणादायक है। सीमित संसाधनों और साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की, जो प्रखंड के युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बन चुकी है।
इन दोनों प्रतिभाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर मेहनत सच्चे मन से की जाए, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।