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सेविका-सहायिका आंदोलन को मिला जेबीकेएसएस का समर्थन





सेविका-सहायिका आंदोलन को मिला जेबीकेएसएस का समर्थन
केन्द्रीय अध्यक्ष संजय मेहता ने आंदोलनकारियों का बढ़ाया हौसला, मांगों को बताया जायज

बुधवार को झारखण्ड बचाओ क्रांति सेना समिति (जेबीकेएसएस) के केन्द्रीय अध्यक्ष संजय मेहता हजारीबाग पहुंचे। यहाँ उन्होंने समाहरणालय के समक्ष चल रहे सेविका-सहायिका आंदोलन के आंदोलनकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सेविका-सहायिका आंदोलन को निजी एवं अपने संगठन के स्तर से समर्थन दिया। उन्होंने सभी आन्दोलनरत सेविका एवं सहायिकाओं का हौसला बढ़ाया एवं जरूरत पड़ने पर संगठन के साथियों संग उनके साथ लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि नवरात्र के दिनों में माँ-बहनों को इस स्थिति में देखना पीड़ादायक है। यह हमारे राज्य के लिए शर्मनाक बात है कि एक तरफ माँ की पूजा की जा रही है वहीं दूसरी तरफ हमारी माता-बहन सड़क किनारे भूखे-प्यासे अपने हक के लिए लड़ाई लड़ रहीं हैं। पिएफ, ग्रेच्युइटी, स्थायीकरण एवं रिटायरमेंट के अन्य लाभ इनका हक है। 

सभी मांगे पूरी तरह जायज हैं। कहा कि, भाजपा सरकार ने इनपर लाठियाँ बरसाईं थीं, उस वक्त हेमंत सोरेन ने उनकी मांगों को जायज ठहराया था और सरकार में आने पर सर्वप्रथम उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था। अब झामुमो-कॉंग्रेस सरकार के आखिरी दिन चल रहे हैं। अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। यह सरकार की बहुत बड़ी विफलता है।

उन्होंने सरकार से आह्वान करते हुए कहा कि जल्द से जल्द सेविका-सहायिका दीदियों की सभी मांगों को माना जाए और महिला सम्मान की परिभाषा को सम्मानित किया जाए।


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*संजय मेहता ने मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर मृत आदिवासी युवकों के परिजन को एक-एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की*

रामगढ़ के गोला में दो आदिवासी युवकों की पुलिस पीसीआर वैन से कुचल कर मौत हो गई थी। इस मामले में झारखंड बचाओ क्रांति सेना समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष संजय मेहता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र में पीड़ित परिवारों को एक - एक करोड़ का मुआवजा, नौकरी, न्यायायिक जांच एवं दोषियों की गिरफ्तारी एवं बर्खास्तगी की मांग की है। उन्होंने कहा कि पूर्व में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के मामलों में सरकार ने मुआवजा एवं नौकरी दी है। फिर इन दो आदिवासी युवकों के परिजनों को भी सरकार की ओर से समान व्यवहार किया जाना चाहिए और राहत पहुंचाना चाहिए।

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